Today : 03 Dec. 2024

Maha-Shivratri ( महा-शिवरात्रि ) 2025 : Date, Puja Timings and Ways To Celebrate the Festival

Maha-shivratri Festival 2025: Date, Auspicious Timing and Way to celebrate Maha-shivratri Festival ?

( महा-शिवरात्रि 2025 : तिथि, पूजा का समय, त्योहार मनाने के तरीके..)

Maha-Shivratri is on 26th Feburary 2024.

Starting of Maha-Shivratri – 26th Feburary , 11:08 AM to 27th Feburary, morning 08:54 AM

महा-शिवरात्रि शरू होने का समय – 26 फ़रवरी, सुबह 11 बजकर 08 मिनट से 27 फ़रवरी, सुबह 08 बजकर 54 मिनट तक ।

Maha-Shivratri Auspicious time ( महा-शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त ) :-

  • First Prahar Puja Time : On Feburary 26, from 06:19 pm to 9:26 pm.

    पहले प्रहर की पूजा समय : 26 फ़रवरी 2025 को शाम 6 बजकर 19 मिनट से  9 बजकर 26 मिनट तक।

  • Second Prahar Puja Time : On Feburary 26, from 9:26 pm to 12:34 am.

    दूसरे प्रहर की पूजा समय : 26 फ़रवरी को शाम 9 बजकर 26 मिनट से  रात 12 बजकर 34 मिनट तक।

  • Third Prahar Puja Time : On Feburary 27, from 12:34 am to 03:41 am.

    तीसरे प्रहर की पूजा का समय : 27 फ़रवरी को रात 12 बजकर 34 मिनट से सुबह 3 बजकर 41 मिनट तक।

  • Fourth Prahar Puja Time : On Feburary 27, from 03:41 am to 06:48 am.

    चौथे प्रहर की पूजा का समय : 27 फ़रवरी को सुबह 03 बजकर 41 मिनट से सुबह 06 बजकर 48 मिनट तक।

Maha Shivaratri, also known as the Great Night of Shiva, is a Hindu festival dedicated to Lord Shiva. It is observed on the 13th night and 14th day of the waning moon in the Hindu month of Phalguna, which typically falls in February or March of the Gregorian calendar. The festival is celebrated with great enthusiasm and devotion in various parts of India and by Hindu communities around the world.

महा शिवरात्रि, जिसे शिव की महान रात्रि के रूप में भी जाना जाता है, भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू त्योहार है। यह हिंदू महीने के फाल्गुन में ढलते चंद्रमा की 13वीं रात और 14वें दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के फरवरी या मार्च में आता है। यह त्यौहार भारत के विभिन्न हिस्सों और दुनिया भर के हिंदू समुदायों द्वारा बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है।

Aspects of Maha-Shivaratri ( महा-शिवरात्रि के प्रमुख पहलू ) :-

  1. Fasting and Prayer: Devotees observe fasts on Maha-Shivaratri and spend the day in prayer, meditation, and introspection. Many people visit Shiva temples to offer special prayers and seek the blessings of Lord Shiva.

    उपवास और प्रार्थना: भक्त महा-शिवरात्रि पर उपवास रखते हैं और दिन प्रार्थना, ध्यान और आत्मनिरीक्षण में बिताते हैं। कई लोग विशेष पूजा-अर्चना करने और भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए शिव मंदिरों में जाते हैं।

  2. Night Vigil (Jagaran): One of the significant aspects of Maha Shivaratri is staying awake throughout the night, engaging in prayer and meditation. This night vigil is known as “Jagaran,” and it is believed to symbolize a spiritual awakening.

    रात्रि जागरण (जागरण): महा शिवरात्रि के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है रात भर जागना, प्रार्थना और ध्यान में संलग्न रहना। इस रात्रि जागरण को “जागरण” के नाम से जाना जाता है और इसे आध्यात्मिक जागृति का प्रतीक माना जाता है।

  3. Rituals at Shiva Temples: Devotees visit Shiva temples to perform various rituals. They offer milk, water, bilva leaves, and other sacred items to the Shiva Lingam, the symbol of Lord Shiva. Special pujas (worship ceremonies) are conducted during the night.

    शिव मंदिरों में अनुष्ठान: भक्त विभिन्न अनुष्ठान करने के लिए शिव मंदिरों में जाते हैं। वे भगवान शिव के प्रतीक शिव लिंगम पर दूध, जल, बिल्व पत्र और अन्य पवित्र वस्तुएं चढ़ाते हैं। रात के दौरान विशेष पूजा (पूजा समारोह) आयोजित की जाती हैं।

  4. Tandava Dance: Legend has it that Lord Shiva performed the Tandava, a cosmic dance, on the night of Maha Shivaratri. This dance symbolizes the cosmic cycles of creation, preservation, and destruction.

    तांडव नृत्य : किंवदंती है कि भगवान शिव ने महा शिवरात्रि की रात को तांडव, एक लौकिक नृत्य किया था। यह नृत्य सृजन, संरक्षण और विनाश के ब्रह्मांडीय चक्र का प्रतीक है।

  5. Cultural and Spiritual Programs: Many places organize cultural and spiritual programs on Maha Shivaratri. Devotional songs, bhajans, and discourses on Lord Shiva are common during these events.

    सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्यक्रम : कई जगहें महाशिवरात्रि पर सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन आयोजनों के दौरान भक्ति गीत, भजन और भगवान शिव पर प्रवचन आम हैं।

  6. Bhang Consumption: In some regions, particularly in North India, the consumption of bhang (a preparation made from cannabis) is associated with Maha Shivaratri. It is believed to be a sacred offering to Lord Shiva and is consumed in a controlled and ceremonial manner.

    भांग का सेवन : कुछ क्षेत्रों में, विशेष रूप से उत्तर भारत में, भांग (भांग से बनी एक तैयारी) का सेवन महा शिवरात्रि से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि यह भगवान शिव को एक पवित्र प्रसाद है और इसे नियंत्रित और औपचारिक तरीके से खाया जाता है।

  7. Community Participation: Maha Shivaratri is a community festival where people from all walks of life come together to celebrate. It promotes a sense of unity and devotion among the devotees.

    सामुदायिक भागीदारी : महा शिवरात्रि एक सामुदायिक त्योहार है जहां सभी क्षेत्रों के लोग जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं। यह भक्तों के बीच एकता और भक्ति की भावना को बढ़ावा देता है।

Importance of Maha-Shivratri ( महा-शिवरात्रि का महत्व ) :-

1. According to religious beliefs, Lord Shiva and Goddess Parvati met on the date of Phalgun Chaturdashi. Lord Shiva left renunciation and entered household life by marrying Goddess Parvati. This is the reason, every year on Phalgun Chaturdashi date, the festival of Mahashivratri is celebrated to celebrate the marriage of Lord Shiva and Mother Parvati.By observing fast, Jalabhishek and worship on Maha Shivratri, all kinds of problems related to marital life are removed.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार , फाल्गुन चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव और देवी मां पार्वती का मिलन हुआ था । भगवान शिव ने वैराग्य छोड़कर देवी मां पार्वती संग विवाह करके गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था । यही वजह हैं, हर वर्ष फाल्गुन चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की खुशी में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है । महा-शिवरात्रि पर व्रत, जलाभिषेक,पूजा-पाठ करने पर वैवाहिक जीवन से जुड़ी तमाम परेशानियां दूर होती हैं ।

2. All the twelve Jyotirlingas had appeared on the day of Maha-Shivratri, the festival of Mahashivratri is celebrated with great love to celebrate the appearance of 12 Jyotirlingas.

महा-शिवरात्रि के दिन ही सभी द्वादश ज्योतिर्लिंग प्रगट हुए थे , 12 ज्योतिर्लिंग के प्रगट होने की खुशी में महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत प्यार से मनाया जाता है ।

Ways to Celebrate Maha-Shivratri ( त्योहार मनाने के तरीके ) :-

  1. On the day of Maha Shivratri, wake up at Brahma time and start the day by paying obeisance to Lord Shiva and Mother Parvati. Take bath with water containing Ganges water. After this, offer water to Sun God.

    महा-शिवरात्रि के दिन ब्रह्म समय में उठ कर भगवान शिव और माता पार्वती को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें । गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें।इसके पश्चात, सूर्य देव को जल दें ।

  2. Prepare Panchamrit from ghee, milk, curd, honey and sugar on Shivling and bathe the Shivling and anoint it with water.

    शिवलिंग पर घी, दूध, दही, शक्कर और शहद से पंचामृत तैयार कर के शिवलिंग को स्नान कराकर जल से अभिषेक करे।

  3. On the day of Maha-Shivratri, fill the Shiva temple with water or milk. Add some Belpatra, Dhatura, Aak flowers, rice, hemp leaves etc. in it and offer it to Shivaling.

    महा-शिवरात्रि बाले दिन पानी या दूध भरकर शिव मंदिर रखें। इसमें कुछ बेलपत्र, धतूरा,आक के फूल, चावल,भांग के पत्ते आदि डालकर शिवलिंग पर चढ़ाएं ।

  4. It is necessary to chant Om Namah Shivay mantra 108 times. Reciting Mahamrityunjaya Mantra, Shiva Purana is considered very auspicious.

    ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप 108 बार आवश्य करे | महामृत्युंजय मंत्र , शिव पुराण का पाठ करना अत्ति शुभ माना जाता है ।

  5. Perform aarti and parikrama of Lord Shiva.

    शिव जी की आरती और परिक्रमा करे ।

Maha-Shivaratri holds immense spiritual significance, and it is considered a time for seeking blessings, purifying the soul, and expressing devotion to Lord Shiva—the destroyer and transformer among the Holy Trinity of Hinduism. The festival serves as a reminder of the cyclical nature of life, death, and rebirth.

महा-शिवरात्रि अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व रखती है, और इसे आशीर्वाद मांगने, आत्मा को शुद्ध करने और हिंदू धर्म की पवित्र त्रिमूर्ति के बीच विनाशक और ट्रांसफार्मर भगवान शिव के प्रति भक्ति व्यक्त करने का समय माना जाता है। यह त्यौहार जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म की चक्रीय प्रकृति की याद दिलाता है।

Fact of Maha-Shivratri ( महा-शिवरात्रि के तथ्य ) :-

In Hindu religion, Maha-Shivratri is celebrated twice every year. The first Mahashivratri is celebrated on the Chaturdashi Tithi of Krishna Paksha in the month of Phalgun and the second on the Chaturdashi Tithi of Krishna Paksha in the month of Sawan. Shivratri of Sawan month is also called Gupt Shivratri. Accomplishment of mantras is done in Shivratri Muhurta of Sawan month.

हिंदू धर्म में महा-शिवरात्रि हर साल 2 बार मनाई जाती है । पहली महाशिवरात्रि फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चुतर्दशी तिथि और दूसरी सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है । सावन माह की शिवरात्रि को गुप्त शिवरात्रि भी कहते है । सावन माह की शिवरात्रि के मुहूर्त में मंत्रों की सिद्धि करते हैं ।

Savan Maha-Shivratri is on 23rd July 2025

  • Starting of Savan month Shivratri – on 23rd July 04:39 am to 02:28 am on 24th August.

    सावन माह शिवरात्रि शरू होने का समय – 23 अगस्त, सुबह 04 बजकर 39 मिनट से 24 अगस्त को मध्य रात्रि 02 बजकर 28 मिनट तक।

  • Savan Shivratri Auspicious time – 24 July, 12:07 AM to 12:48 AM

    सावन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त समय – 24 जुलाई , मध्य रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक।

May Lord Shiva fulfill all your wishes. ( भगबान शिव आपकी हर मनोकामना पूरी करे )

Stay Happy and Healthy

आप सभी को हिंदू पंचांग की ओर से महा-शिवरात्रि 2025 की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।🙏

Hindu Panchang wishes all of you a very happy Maha-Shivratri 2025..🙏

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